Friday 30 September 2011

Mom...


 Mom, I miss you so.
The days go by and it seems so unreal.
This pain is unknown.
90 days of this ordeal.
How come you had to go?
I really don't understand.
I lost you twice in 9 months.
No such thing as a helping hand.
So now I'm lost,
and I feel there's no way out.
People look at me and tell me I've changed,
well of course I have, there's no doubt.
I need you,
I miss you,
I love you.

एक रात

एक रात थी ,एक चाँद था ,
वो साथ था और मैं अकेली रह गई ....


एक इब्तदा थी ,एक मकाम था ,
चलने की ख्वाहिश थी और मैं रुक गई ...


एक आरजू थी ,एक कशिश थी ,
हसरतोंकी शमा जली और मैंने आँख मूँद ली ......

एक चाहत थी ,एक आस थी ,एक प्यास थी ,
करीब हमारे उल्फत थी पर मेरे लिए नायाब क्यों हो गई ???????

Tuesday 27 September 2011

कुछ नयी हसरते


कुछ नयी हसरते कुछ नयी चाहते
कुछ नए अहसास कुछ नयी आहटे
आपके आने से सब कुछ नया नया सा है
हवा है महकी महकी मौसम भी बदला सा है
कुछ दबा दबा था जो मन में वो खिलखिलाने लगा है
हँसता तो मन पहले भी था अब शरमाने लगा है
कुछ नयी मुस्कुराहते मन को लुभाने लगी है
कुछ नयी बाते मन को चौंकाने लगी है
आपके आने से मुझमे एक नया उत्साह है
आपके आने से मुझमे एक नया खुमार है
ये आपका जादू ही है जो मुझमे कुछ मचलने लगा है
ये आपका ही असर है जो मुझमे कुछ संवरने लगा है
कुछ नयी हलचले मन को तड़पाने लगी है
कुछ नयी उलझने मन में समाने लगी है
पत्तो की सरसराहट मुझको छूने लगी
फूलो की सुगंध मुझमे महकने लगी
ओस की बुँदे मुझे भिगोने लगी
पंछियों के संग मै उड़ने लगी
आपके आने से मुझको मेरा आसमान मिला
आपके आने से मुझको मेरा जहां मिला आपके आने से सब कुछ नया नया सा है
हम भी नहीं जानते ये क्या हुआ जो सब कुछ यूँ बदला बदला सा है ……………

मेरी डायरी ...

मेरी डायरी का वो पन्ना ...

उस पर मैंने हिसाब लिखा था मेरी ख़ुशी का ...

उस पर याद करके लिखे थे उनके नाम

जिसने मेरी जिंदगीका ख़ुशीका तार्रुफ़ करवाया था ....

बस उनके नाम मैंने नहीं लिखे

जिसने मुझे गमका मतलब समजाया.....

क्योंकि ये मेरी चाहत थी

जब ये डायरीका पन्ना खोलूं

तब मेरी ख़ुशीके सारे वजूद और कारण

मुझे इधर हँसते हुए मिल जाए ...

गम कोसो दूर रहे .......

आज मेरा वो पन्ना हवाकी एक लहरके साथ

खुली खिड़कीसे उड़कर कहीं बहकर उड़ गया .....

एक पल ...

एक पल तो लगा यूँ की

वो मेरी सारी खुशियाँ लेकर चला गया ........

पर उसके बाद एक खाली पन्ना था ....

मैंने उस पर एक नयी नज़्म लिखनी शुरू ...